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‘Game over’ on online gaming : सरकार ने रियल मनी गेम्स पर लगाया बैन, इंडस्ट्री में हड़कंप

H K SINGH
6 Min Read
Game over' on online gaming

भारत में online gaming उद्योग के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार ने एक नए विधेयक के माध्यम से उन सभी ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली है, जिनमें असली पैसा लगाया जाता है। यह कदम Dream11, MPL, और RummyCircle जैसे प्लेटफॉर्म्स के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, और पूरी इंडस्ट्री इस फैसले से सदमे में है।

यह प्रतिबंध क्यों लगाया गया है, इसके पीछे सरकार का क्या तर्क है, और इसका इस तेजी से बढ़ते उद्योग पर क्या असर पड़ेगा? आइए, इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं।


 

online gaming : बिल के मुख्य प्रावधान और सरकार का तर्क

Game over' on online gaming
Game over’ on online gaming

सरकार लोकसभा में ‘द प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025’ लेकर आई है। इस बिल का मुख्य उद्देश्य रियल मनी गेम्स पर लगाम लगाना है, जिन्हें अक्सर जुए की श्रेणी में रखा जाता है।

प्रमुख प्रावधान:

  • मनी बेस्ड गेम्स पर बैन: यह बिल उन सभी ऑनलाइन गेम्स पर बैन लगाता है, जिनमें असली पैसे का इस्तेमाल होता है। यह प्रतिबंध गेम डेवलपर्स, प्रमोटर्स, प्लेटफॉर्म्स और विज्ञापनदाताओं पर भी लागू होगा।
  • सख्त दंड: यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल, ₹1 करोड़ तक का जुर्माना, या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। बार-बार उल्लंघन करने पर प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से बंद किया जा सकता है।
  • ई-स्पोर्ट्स का प्रोत्साहन: बिल स्पष्ट रूप से ई-स्पोर्ट्स (कौशल-आधारित प्रतिस्पर्धी गेमिंग) और पैसे वाले जुए के बीच अंतर करता है। सरकार ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देना चाहती है और इसके लिए राष्ट्रीय ई-स्पोर्ट्स प्राधिकरण का गठन करेगी।

सरकार का तर्क: सरकार ने इस बैन के पीछे कई गंभीर कारण बताए हैं:

  1. सामाजिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान: युवाओं में ऑनलाइन जुए की लत, आत्महत्या के मामले और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।
  2. वित्तीय बर्बादी: कई खिलाड़ी अपनी बचत और संपत्ति खो रहे हैं, जिससे परिवारों में कलह और वित्तीय बर्बादी हो रही है।
  3. धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग: गेमिंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग अवैध सट्टेबाजी, हवाला और यहां तक कि आतंकी फंडिंग के लिए भी हो रहा है।

सरकार का मानना है कि जब देश में पहले से ही जुए और लॉटरी पर प्रतिबंध है, तो ऑनलाइन रियल मनी गेम्स को भी अनुमति नहीं दी जा सकती।


 

online gaming : उद्योग की प्रतिक्रिया और आर्थिक प्रभाव

 

सरकार के इस कदम से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग सदमे में है। उद्योग का कहना है कि यह फैसला उन स्टार्टअप्स और विदेशी निवेश (FDI) को नुकसान पहुंचाएगा, जो इस सेक्टर में लगे हैं।

  • आर्थिक नुकसान: उद्योग का अनुमान है कि यह बिल सरकार को सालाना ₹5,000 करोड़ का राजस्व नुकसान पहुंचाएगा। भारत का ऑनलाइन गेमिंग मार्केट वर्तमान में $3.7 बिलियन का है, जिसमें से 86% राजस्व रियल मनी गेम्स से आता है। इस प्रतिबंध से यह पूरा सेक्टर ध्वस्त हो सकता है।
  • नौकरियों का संकट: गेमिंग, फिनटेक और मार्केटिंग क्षेत्रों में हजारों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
  • ‘लीगलाइज करो, बैन नहीं’: ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर प्रतिबंध के बजाय नियमन (रेगुलेशन) का आग्रह किया है। उनका तर्क है कि बैन लगाने से लोग अनियंत्रित और अवैध विदेशी ऐप्स की तरफ मुड़ेंगे, जिससे धोखाधड़ी का जोखिम और बढ़ जाएगा।
  • कौशल बनाम जुआ: उद्योग का तर्क है कि Dream11 और रमी जैसे खेल जुआ नहीं, बल्कि कौशल-आधारित (skill-based) हैं। खिलाड़ियों को अपनी समझ और रणनीति का उपयोग करना होता है, न कि केवल किस्मत पर निर्भर रहना।

 

वैश्विक परिदृश्य और आगे की राह

 

विश्व के अन्य देशों में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं।

  • चीन: नाबालिगों के लिए सख्त समय सीमा और जुए पर पूर्ण प्रतिबंध।
  • अमेरिका: राज्य-स्तर पर नियमन, फेंटेसी स्पोर्ट्स कुछ राज्यों में वैध।
  • ब्रिटेन: जुए को कड़ाई से विनियमित किया जाता है, लेकिन भारी टैक्स के साथ वैध है।

भारत का यह कदम दुनिया के सबसे सख्त प्रतिबंधों में से एक है। यह बिल अब संसदीय बहस और संभवतः स्थायी समिति की समीक्षा से गुजरेगा। उम्मीद है कि इस प्रक्रिया में कुछ बदलाव हो सकते हैं।


 

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

 

Q1: क्या यह बिल सभी ऑनलाइन गेम्स को बैन कर देगा? A1: नहीं, यह बिल केवल उन्हीं गेम्स को बैन करेगा जिनमें असली पैसा लगाया जाता है। कौशल-आधारित ई-स्पोर्ट्स को सरकार बढ़ावा देगी।

Q2: क्या ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को इससे कानूनी नुकसान होगा? A2: उद्योग को आशंका है कि इस प्रतिबंध से उनके राजस्व, निवेश और नौकरियों पर भारी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

Q3: भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार कितना बड़ा है? A3: भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार लगभग $3.7 बिलियन का है, जिसमें से अधिकांश राजस्व रियल मनी गेम्स से आता है।

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H K Singh एक युवा डिजिटल पत्रकार और कंटेंट क्रिएटर हैं, जिन्हें सरकारी योजनाएँ (रोजगार योजनाएँ, छात्रवृत्ति आदि),शिक्षा से जुड़ी खबरें (एग्जाम, रिजल्ट, एडमिशन अपडेट),ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (नई गाड़ियाँ, बाइक, इलेक्ट्रिक स्कूटर, रिव्यू) और देश-दुनिया की ताज़ा खबरेंसे जुड़ी खबरों पर गहन अनुभव है। पिछले 5 वर्षों से ये ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए काम कर रहे हैं और पाठकों तक भरोसेमंद और तथ्यात्मक जानकारी पहुँचाना इनका मुख्य उद्देश्य है।H K Singh ललित नारायण मिथिला विश्वविधालय से B.COM की पढाई पूरा किया है और साथ में ऐप डेवलपर, डिजिटल मार्केटर और कंटेंट क्रिएटर का भी कोर्स पूरा किया। अभी WWW.BHARATKHABARLIVE.COM के मालिक है।
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