PM Dhan Dhanya Krishi Yojana

हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य देश में कृषि उत्पादन को बढ़ाना है। इस योजना का नाम है ‘प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना'(PM Dhan Dhanya Krishi Yojana)। यह योजना 1 फरवरी 2025 के बजट में घोषित की गई थी और अब इसे आधिकारिक तौर पर लागू करने की तैयारी है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए खेती में उत्पादन बढ़ाना देश की आर्थिक प्रगति के लिए बेहद जरूरी है। यह योजना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्या है प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना?
यह योजना 2025-26 से 2030-31 तक 6 सालों के लिए चलाई जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य उन 100 जिलों को चुनना है जहाँ कृषि उत्पादन कम है। इन जिलों में उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जाएंगे। इस योजना का कुल अनुमानित खर्च ₹1,44,000 करोड़ होगा, जिसमें हर साल ₹24,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
इस योजना के तीन प्रमुख मापदंड हैं, जिनके आधार पर जिलों का चयन किया जाएगा:
- कम कृषि उत्पादन: ऐसे जिले जहाँ प्रति हेक्टेयर पैदावार राष्ट्रीय औसत से कम है।
- कम फसल तीव्रता (Cropping Intensity): वे जिले जहाँ किसान साल में केवल एक या दो फसलें उगाते हैं, जबकि वहाँ तीन फसलें उगाने की क्षमता है।
- कम कृषि ऋण (Agricultural Credit): ऐसे जिले जहाँ किसानों को खेती के लिए पर्याप्त ऋण नहीं मिल पाता है।
कैसे काम करेगी यह योजना?
इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए तीन स्तरों पर समितियाँ बनाई जाएंगी:
- जिला स्तर पर समिति: प्रत्येक चयनित जिले में ‘जिला धनधान्य समिति’ का गठन किया जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी (कलेक्टर) होंगे, जबकि सदस्यों में प्रमुख किसान, कृषि अधिकारी और कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह समिति जिले की जरूरतों के हिसाब से एक विशिष्ट ‘जिला कृषि और सहायक गतिविधि योजना’ (District Agriculture and Allied Activities Plan) तैयार करेगी।
- राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां: जिला समितियों के अलावा, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी समितियां होंगी जो योजना की निगरानी और क्रियान्वयन को सुनिश्चित करेंगी।
यह योजना ‘आकांक्षी जिला कार्यक्रम’ की तरह काम करेगी, जिसका लक्ष्य कृषि क्षेत्र में पिछड़ रहे जिलों को आगे लाना है।
किन योजनाओं का होगा समावेशन?
प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना कोई नई योजना नहीं है, बल्कि यह मौजूदा 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को एक साथ लाएगी। इसका उद्देश्य इन योजनाओं का समन्वित और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। इसमें शामिल होने वाली कुछ प्रमुख योजनाएं इस प्रकार हैं:
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
- खाद्य सुरक्षा मिशन
- फसल बीमा योजना
- कृषि बागवानी मिशन
- पशुपालन और मत्स्यपालन योजनाएं
- कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
इन योजनाओं को एक ही मंच पर लाकर, किसानों को सिंचाई, प्रशिक्षण, ऋण और भंडारण जैसी सुविधाओं का लाभ आसानी से मिलेगा।
योजना के उद्देश्य और लाभ
इस योजना के कई दीर्घकालिक उद्देश्य और लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- किसानों की आय में वृद्धि: उत्पादन और मूल्य वर्धन बढ़ने से किसानों की आय में सीधे तौर पर वृद्धि होगी।
- रोजगार सृजन: कृषि और उससे जुड़े उद्योगों, जैसे फूड प्रोसेसिंग में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- आत्मनिर्भर भारत: कृषि उत्पादन बढ़ने से देश खाद्य सुरक्षा के मामले में और अधिक आत्मनिर्भर बनेगा।
यह योजना न केवल कृषि क्षेत्र को मजबूत करेगी, बल्कि देश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
अधिक जानकारी के लिए, आप केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट agriwelfare.gov.in पर जा सकते हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना कब तक चलेगी?
A: यह योजना 2025-26 से शुरू होकर 2030-31 तक 6 वर्षों के लिए चलेगी।
Q2. इस योजना के तहत कितने जिलों को चुना जाएगा?
A: देश के 100 ऐसे जिलों को चुना जाएगा जहाँ कृषि उत्पादन, फसल तीव्रता और ऋण उपलब्धता कम है।
Q3. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A: इसका मुख्य उद्देश्य चयनित जिलों में कृषि उत्पादन बढ़ाना, किसानों की आय में वृद्धि करना और देश को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाना है।
और जानकारी के लिए नियमित विज़िट करें www.bharatkhabarlive.com